बच्चों के स्वास्थ्य हेतु एवं विविध माध्यमों के द्वारा बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी जनजागरण करने के लिए विरार के डॉ. हेमंत जोशी और श्रीमति अर्चना जोशी स्वयं के बाल अस्पताल में कार्यरत रहने के दौरान ही विविध प्रकार से बाल स्वास्थ्य के जनजागरण के लिए प्रसिद्ध है। जोशी दंपति स्वास्थ्य शिक्षा में हमेशा ही आगे रहे है।
देश में बच्चों के मृत्यु की बढ़ती संख्या रोकने के लिए और बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी जनजागरण के लिए डॉ. जोशी ने वर्ष 2016 में मराठी पुस्तक प्रकाशित किया। जिसकी 9000 प्रतियाँ सार्वजनिक क्षेत्र में वितरित की गई। इस किताब में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आदर्श उपचार दिए है, जिसका उपयोग सरकार के उपचार पद्धति में भी किया जाता है। चिकित्सा महाविद्यालय में डॉक्टर एवं परिचारिकाओं को भी इसी किताब की उपचार पद्धति सिखाई जाती है।
हमारे देश की जनसंख्या 140 करोड़ है। देश में 9 हिंदी भाषी राज्य है। देश में 55 फीसदी यानि 77 करोड़ जनता हिंदी भाषा से परिचित है। हिंदी क्षेत्र में बाल मृत्यु का प्रमाण सर्वाधिक है। इन सभी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुये डॉ. जोशी ने उनके मराठी किताब का हिंदी में अनुवाद किया है। हिंदी में अनुवादित की हुई किताब डॉ. हेमंत व अर्चना जोशी ने हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री मनसुख मांडविया को नई दिल्ली में भेट दी गई। इस अवसर पर सांसद डॉ. विकास महात्मे, डॉ. गिरीश चरडे एवं डॉ. सतीश तिवारी उपस्थित थे। साथ ही केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृती इराणी व स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉक्टर भारती पवार को भी यह किताब भेट दी गई। मराठी और हिंदी किताब से चिकित्सा शिक्षा आसान भाषा में उपलब्ध होगी, यह विश्वास डॉक्टर जोशी ने इस पर जताया है। दोनों भाषा में उपलब्ध यह किताब विश्व स्वास्थ्य संगठन के वेबसाईट पर नि:शुल्क उपलब्ध है।
इस किताब का क्य्रू आर कोड आगे दिया हुआ है, इस कोड को स्कैन कर आगे संबंधितों को भी यह किताब भेज सकते है।
डॉ. जोशी दंपति की ओर से चलाए जा रहे इस बाल स्वास्थ्य कार्य में हम भी अपनी सहभागिता दर्ज करें।

– लेखन : निरंजन राउत,
सेवानिवृत्त वरिष्ठ सहायक संचालक, सूचना विभाग
मंत्रालय, मुंबई.
– संपादन : देवेंद्र भुजबल. ☎️ 9869484800.
