Tuesday, July 1, 2025
Homeसाहित्य"स्वर ओंम् कार"

“स्वर ओंम् कार”

स्वरांतही ओंम् कार सापडतो संगीतात
स्वरांतील ओंम् कार अनुभूती दर्शवित IIधृII

सामवेदांतून प्रगटले आद्य संगीत
परमात्म्याला पोहोचते गाता सामवेद
संगीत मनुष्य प्राण्याला आहे ईश्वरी दान II1II

अरूपाला रूप देणारे आहेत शिल्पकार
स्वरांना बोलते करतात संगीतकार
हिंदुस्तानी संगीत आहे विश्वाला वरदान II2II

साधन साध्य एकरूप होत संगीतात
सम गीत दोन्ही करती माधुर्य प्रगट
श्रुती राग माध्यम चैतन्य करी प्रदान II3II

संगीतातील नाद निसर्गाशी निगडित
प्रगटते समयोचित स्वर मांडणी त्यांत
संगीत मानवी जीवन करते समृद्ध II4II

अरुण गांगल

— रचना : अरुण गांगल. कर्जत, रायगड
— संपादन : देवेंद्र भुजबळ.
— निर्मिती : अलका भुजबळ. ☎️ 9869484800

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