Friday, April 25, 2025
Homeसाहित्यअभंग : स्वातंत्रवीर

अभंग : स्वातंत्रवीर

देशप्रेम, भक्ती | होती रुधिरात |
उडी सागरात | साहसी ती ||१||

बघितले स्वप्न | अखंड देशाचे ||
प्रयत्न नेटाचे | सततची ||२||

क्रांतीकारी वीर | झाला एकरूप |
देतसे हुरूप | सर्वमित्रां ||३||

करे विनायक | कुटुंबाचा त्याग |
ह्रदयात आग | शत्रुप्रति ||४||

झाली सुपुत्रास | काळेपाणी शिक्षा |
मनात आकांक्षा | स्वातंत्र्याची ||५||

स्वातंत्र्य जागर | स्वराज्य विचार |
स्वदेशी प्रसार | देशभर ||६||

तळपते तेज | हिन्दु संघटक |
श्रेष्ठ साहित्यिक | तत्वज्ञ ते ||७||

शतपैलू रत्न | शोभे कोंदणात |
तुम्ही ह्रदयात | सर्वकाळ ||८||

— रचना : डॉ दक्षा पंडित. दादर, मुंबई
— संपादन : देवेंद्र भुजबळ.
— निर्मिती : अलका भुजबळ. ☎️ 9869484800

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  1. वा फारच छान सोप्या भाषेत कवियत्री व्यक्त झाल्या आहेत.

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