Monday, December 22, 2025
Homeसाहित्यसांगती गीता भगवंत

सांगती गीता भगवंत

रथ पार्थाचा उभा संगरी
ध्वजा वरी हनुमंत
सांगती गीता भगवंत ll

धृतराष्ट्राला सांगे संजय कुरुक्षेत्री जो जय पराजय
असत्यतेचा नव्हता संशय तरीही उरे खंत…
सांगती गीता भगवंत ll

अजेय योद्धे मम पुत्रांसम
कृप द्रोणांचे अतुल पराक्रम
भीष्म प्रतिज्ञा सोडूनि संयम
युद्धा कां नच अंत… सांगती गीता भगवंत ll

अथांग सेना सागर वैभव
नाही ठाऊक काय पराभव
चक्रव्ह्यूह भेदणे असंभव
कां कहाण्या अनंत…सांगती गीता भगवंत ll

कृष्ण रथी जरी साथीअर्जुन
न धरी शस्त्र करी हे वचन
इथे कसा तो धरी गोवर्धन
पांडवांस ना भ्रांत… सांगती गीता भगवंत ll

कथा न केवळ ही युद्धाची
युगा युगातील अवताराची
सत्य असत्यातील द्वंद्वाची
साक्षच कीं ज्वलंत… सांगती गीता भगवंत l

कर्मयोग गीतेत प्रबोधन
नव्हते केवळ तेच प्रयोजन महाभारत जीवनी क्षणो क्षण
मनोरथी घेई अनंत.. सांगती गीता भगवंत ll

– रचना : अरविंद ढवळीकर

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

- Advertisment -
- Advertisment -
- Advertisment -

Recent Comments

पुष्पा कोल्हे on “अनोखी स्नेह भेट”
सौ.मृदुला राजे on माहितीतील आठवणी : 37