Friday, May 9, 2025
Homeसाहित्यअभंग : स्वातंत्रवीर

अभंग : स्वातंत्रवीर

देशप्रेम, भक्ती | होती रुधिरात |
उडी सागरात | साहसी ती ||१||

बघितले स्वप्न | अखंड देशाचे ||
प्रयत्न नेटाचे | सततची ||२||

क्रांतीकारी वीर | झाला एकरूप |
देतसे हुरूप | सर्वमित्रां ||३||

करे विनायक | कुटुंबाचा त्याग |
ह्रदयात आग | शत्रुप्रति ||४||

झाली सुपुत्रास | काळेपाणी शिक्षा |
मनात आकांक्षा | स्वातंत्र्याची ||५||

स्वातंत्र्य जागर | स्वराज्य विचार |
स्वदेशी प्रसार | देशभर ||६||

तळपते तेज | हिन्दु संघटक |
श्रेष्ठ साहित्यिक | तत्वज्ञ ते ||७||

शतपैलू रत्न | शोभे कोंदणात |
तुम्ही ह्रदयात | सर्वकाळ ||८||

— रचना : डॉ दक्षा पंडित. दादर, मुंबई
— संपादन : देवेंद्र भुजबळ.
— निर्मिती : अलका भुजबळ. ☎️ 9869484800

RELATED ARTICLES

1 COMMENT

  1. वा फारच छान सोप्या भाषेत कवियत्री व्यक्त झाल्या आहेत.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

- Advertisment -
- Advertisment -
- Advertisment -

Recent Comments

अरविंद विनायक ढवळे on पद्मश्री मधु मंगेश कर्णिक
शितल अहेर on रेघोट्या…
शितल अहेर on हास्य दिन
शिवानी गोंडाळ,मेकअप आर्टिस्ट, दूरदर्शन on समस्यांना कॉमा करा आणि पुढे जा…– अलका भुजबळ
सौ.मृदुलाराजे on कामगार चळवळीचा इतिहास